पाठ्यक्रम के उद्देश्य :
1.भक्ति काव्य की वैचारिक पृष्ठभूमि से परिचित कराना ।
2.हिंदी भाषा संत नामदेव के साहित्यिक योगदान को बताना ।
3.कबीर की धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक प्रतिबद्धता से परिचित कराना ।
4.संत तुलसीदास के राम भक्ति का बोध कराना ।
प्रतिफल आधारित पाठ्यक्रम :
1.भक्ति आंदोलन की वैचारिक पृष्ठभूमि के अध्ययन से भक्ति साहित्य का सही और सार्थक मूल्यांकन होगा ।
2.महाराष्ट्र का हिंदी के भक्ति साहित्य में क्या योगदान है उसका ज्ञान छात्रों को प्राप्त होगा ।3.कबीर के काव्य से छात्रों में धर्मनिरपेक्षता , गुरु के प्रति आदर और नीति निर्माण होगी
4.भक्ति की श्रेष्ठता का परिचय सूरदास के काव्य से होगा ।
5. छात्रों पर राम के आदर्श और उदात्त मूल्यों का प्रभाव होगा ।
1.भक्ति काव्य की वैचारिक पृष्ठभूमि से परिचित कराना ।
2.हिंदी भाषा संत नामदेव के साहित्यिक योगदान को बताना ।
3.कबीर की धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक प्रतिबद्धता से परिचित कराना ।
4.संत तुलसीदास के राम भक्ति का बोध कराना ।
प्रतिफल आधारित पाठ्यक्रम :
1.भक्ति आंदोलन की वैचारिक पृष्ठभूमि के अध्ययन से भक्ति साहित्य का सही और सार्थक मूल्यांकन होगा ।
2.महाराष्ट्र का हिंदी के भक्ति साहित्य में क्या योगदान है उसका ज्ञान छात्रों को प्राप्त होगा ।3.कबीर के काव्य से छात्रों में धर्मनिरपेक्षता , गुरु के प्रति आदर और नीति निर्माण होगी
4.भक्ति की श्रेष्ठता का परिचय सूरदास के काव्य से होगा ।
5. छात्रों पर राम के आदर्श और उदात्त मूल्यों का प्रभाव होगा ।
- Teacher: DR. Vanita Agre
- Teacher: DR. Meena Ghume